Desk: CM नीतीश कुमार की अगुवाई वाली NDA सरकार ने Bihar में यूपी के तर्ज पर अपराध और भ्रष्टाचार को काबू में करने के लिए बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 सदन में पास करा बड़ा कदम उठाया है. इस विधेयक के लागू होने के बाद NDA सरकार का दावा है कि इस कानून के लागू होने के बाद अपराधियों और भ्रष्टाचारियों में खौफ समाएगा जिसका फायदा बिहार के लोगों को मिलेगा.

बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 जिसकी इतनी चर्चा हो रही है, उसमें आखिर क्या है. कुछ प्रमुख बाते हैं जिसके बारे में जानना भी बेहद जरूरी है. इस विधेयक के पास होने के बाद बालू, शराब और भू माफियाओं सहित आर्थिक अपराधों में संलिप्त माफियाओं, मानव तस्करी, देह व्यापार, छेड़खानी, दंगा फैलाने वाले सोशल मीडिया का दुरुपयोग सहित अन्य कांडों में शामिल अपराधी और आपराधिक गिरोहों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सकेगा.

नीतीश सरकार के द्वारा इन अपराधों पर नियंत्रण के लिए जिलाधिकारियों को काफी शक्ति दी गई है, जिसमें जिलाधिकारी कार्रवाई कर सकेंगे. इस कानून में जिले के डीएम और एसपी को असीमित शक्ति सरकार देने जा रही है, नए कानून के तहत जिलाधिकारी को वारंट जारी करने, गिरफ्तार करने, जेल भेजने, बेल देने का अधिकार होगा. आपराधिक मामलों में शामिल तत्वों को 6 महीना तथा जिला एवं राज्यों से तड़ीपार करने का भी अधिकार होगा.

हालांकि, डीएम के आदेश के खिलाफ प्रमंडल आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकेगी. डीएम को कार्रवाई करने की सूचना राज्य सरकार को 5 दिनों के अंदर देनी होगी. वहीं, 12 दिनों के अंदर सरकार से अनुमति लेनी होगी. 2 साल में दो आपराधिक मामले में अगर पुलिस न्यायालय में किसी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करती है, तो उसे असामाजिक तत्व की श्रेणी में माना जाएगा.

इस बिल के आने के बाद सलाहकार बोर्ड बनेगा इसमें उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश होंगे. बोर्ड के सदस्यों में एक अध्यक्ष होंगे जो उच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवा निर्मित न्यायाधीश होंगे. सलाहकार बोर्ड को सुनवाई का भी अधिकार दिया गया है. सदस्यों के बहुमत की राय मान्य होगी. जिलाधिकारी वैसे लोग जिससे समाज को खतरा है उनको 2 साल के लिए भी तड़ीपार कर सकते हैं.


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