Bihar: सूबे के पश्चिम चंपारण से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. थाना का एक अधिकारी अपने कमरे को ही थाना बनाकर चला रहा था. गिरफ्तारी के बाद थाना के हाजत के बदले खुद के कस्टडी में अभियुक्त को भी रखता था. आश्चर्य की बात तो यह है कि पूरे मामले की जानकारी थानाध्यक्ष को भी नहीं थी. बेतिया पुलिस जिला के मझौलिया के एएसआई औरंगजेब समेत तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गयी है.
बिहार
पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर थानाध्यक्ष ने केस दर्ज कराया है. पुलिस
पदाधिकारी पर थाना के हाजत के बदले कमरे में अभियुक्त को रखने का आरोप है.
कर्तव्यहीनता के आरोप में मझौलिया थाना में पदस्थापित एएसआई मो. औरंगजेब, चौकीदार मुन्ना अंसारी तथा एक अन्य
व्यक्ति मो. मकसूद पर पुलिस ने एफआईआर की है. थानाध्यक्ष अखिलेश मिश्र ने
जांचोपरांत एफआईआर की है, जिसमें तीन लोगों को नामजद किया गया है. तीनों नामजद फरार बताये गये
हैं.
आरोप
है कि एएसआई मो. औरंगजेब ने गलत तरीके से चौकीदार को मेल में लेकर लौरिया से
मझौलिया थाना कांड संख्या 97/24 के एक अभियुक्त नेयाज अहमद को अन्यत्र छुपाकर रखा. हफीजुल्लाह नामक
एक व्यक्ति ने अपनी बेटी को लेकर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया था. इस कांड के
अनुसंधान कर्ता मो. औरंगजेब थे. नेयाज के परिजनों ने जिला के आला अधिकारियों से इस
बाबत शिकायत की थी.
जांचोपरांत
केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई को
लेकर थाना क्षेत्र में हड़कंप है. बेतिया सदर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी महताब आलम
के जांच के बाद पूरा मामला के खुलासा हुआ है. इस मामले में एएसआई पर कार्रवाई
जरूरी है, लेकिन
पुलिस के बड़े अधिकारियों की लापरवाही भी जरूर उजागर हो गई है.